हरियाणा में घोटालेबाजो ने सिस्टम में खामियों का भरपूर फायदा उठाया. बता दें कि राज्य में पिछले 4 साल में सिस्टम की खामियों का फायदा उठाते हुए घोटालेबाजो ने 50,000 गलत रजिस्ट्रीया करवा ली. संपत्तियों की रजिस्ट्री में अर्बन एरिया डेवलपमेंट एक्ट के नियम 7a की अनदेखी की गई. जिसके तहत घोटाले बाजों में 2017 से2020 तक 50,000 गलत रजिस्ट्रीया करवाई.
पिछले 4 सालों में हुई 50,000 गलत रजिस्ट्रीया
रिपोर्ट के मुताबिक 300 अधिकारियों व कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए गए है, लेकिन अभी तक सरकार इसके खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं कर पाई है. सरकार को सिस्टम के ध्वस्त होने की आशंका है. क्योंकि इतने अधिक व्यक्तियों के खिलाफ एक साथ कार्यवाही करना आसान कार्य नहीं है . बता दे कि सिस्टम में खामियों की वजह से यह धांधलिया हुई है. भाजपा सरकार ने अपने पहले कार्यकाल 2016 -17 अर्बन एरिया डेवलपमेंट एक्ट के नियम 7aमें संशोधन किया था.
इस नियम में बदलाव के बाद ही प्रदेश में अवैध प्लांटिंग और नियमों के विरुद्ध जमीनों की रजिस्ट्री के मामले बढ़े. इस घोटाले के बारे में लॉकडाउन के दौरान पता चला. वही डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने नियमों में संशोधन को लेकर 2020 तक की रजिस्ट्रीयों की जांच करने की सिफारिश की है. यह मामला हरियाणा विधानसभा में भी उठाया गया था. 2017 से अक्टूबर 2020 तक नियम 7a के उल्लंघन में 49,197 जमीनों की रजिस्ट्री हुई है. बता दें कि 4 वर्षों की इस अवधि के दौरान रोजाना 34 से अधिक और महीने में औसतन 1024 रजिस्ट्रीया नियमों को ताक पर रखते हुए की गई है. इन मामलों के खिलाफ 1127 एफ आई आर ही दर्ज हुई है.