Paytm, PhonePe और Amazon Pay इस्तेमाल करने वालों के लिए बड़ी खबर, 24 घंटे में हुए तीन बड़े फैसले

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने डिजिटल पेमेंट वॉलेट (Paytm, PhonePe-Mobikwik और Amazon Pay) यूजर्स के लिए कई ऐलान किए है. आइए जानें सबकुछ...

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI- Reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को क्रेडिट पॉलिसी के बाद कई नए ऐलान किए है. इनमें से कुछ ऐलान डिजिटल पेमेंट वॉलेट (Paytm, PhonePe-Mobikwik और Amazon Pay) यूजर्स के लिए भी है. आइए जानें इसके बारे में सबकुछ
 


 
(1) आप जल्द ही एक डिजिटल वॉलेट से दूसरे में बिना किसी अड़चन के पैसा ट्रांसफर कर पाएंगे. इसमें सर्विस प्रोवाइडर से लेना देना नहीं होगा.यह अलग बात है कि यूपीआई के जरिये बैंक अकाउंट से लिंक वॉलेट से आप पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं. यह वॉलेट-टू-बैंक या बैंक-टू-वॉलेट या बैंक-टू-बैंक ट्रांसफर की तरह काम करता है. एक बार आरबीआई का इंटरऑपरेबिलिटी का प्रस्ताव अमल में आ जाने पर आप अलग-अलग वॉलेट में पैसा ट्रांसफर कर सकेंगे. उदाहरण के लिए पेटीएम के यूजर फोनपे वॉलेट के यूजर को पैसा ट्रांसफर कर पाएंगे.
 


 
डिजिटल वॉलेट जैसे पीपीआई इंस्‍ट्रूमेंट में स्‍टोर वैल्यू पर वस्तुओं और सेवाओं की खरीद की सुविधा मिलती है. आरबीआई की वेबसाइट के अनुसार, पीपीआई इंस्‍ट्रूमेंट तीन तरह के होते हैं. इनमें क्‍लोज्‍ड सिस्टम पीपीआई, सेमी क्लोज्ड सिस्टम पीपीआई और ओपन सिस्टम पीपीआई शामिल हैं. देश में पेटीएम, मोबिक्विक, पेयू इत्‍यादि सेमी क्‍लोज्‍ड वॉलेट में आते हैं. कैश विदड्रॉल की अनुमति सिर्फ ओपन सिस्टम पीपीआई से है. इनमें डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड आते हैं.


 
(2) आप जल्द पेटीएम, मोबिक्विक जैसे डिजिटल वॉलेट और नॉन-बैंक एंटिटीज के प्रीपेड कार्ड से कैश निकाल सकेंगे.उसने कहा है कि वह नॉन-बैंक एंटिटीज से कैश निकालने की अनुमति देगा. शर्त यह है कि ग्राहक ने केवाईसी की प्रक्रिया पूरी की हो. अभी कैश निकालने की इजाजत सिर्फ बैंकों से जारी केवाईसी कम्प्लायंट पीपीआई (क्रेडिट/डेबिट कार्ड) को है. पीपीआई का मतलब प्रीपेड पेमेंट इंस्‍ट्रूमेंट से होता है. फॉरेक्स कार्ड, डिजिटल वॉलेट इत्‍यादि पीपीआई के कुछ उदाहरण हैं.


 
(3) जल्‍द बैंकों के अलावा दूसरे फाइनेंशियल संस्‍थान भी आरटीजीएस और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) की सुविधा देंगे. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इसका ऐलान किया है. डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए फिनटेक और पेमेंट बैंक जैसे गैर-बैंक जल्‍द आरटीजीएस और एनईएफटी फैसिलिटी ऑफर कर सकते हैं. ये फैसिलिटी अब तक सिर्फ बैंकों में उपलब्‍ध थी.

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